फीचर इमेज Symbolic
नई दिल्ली। मोबाइल और कंप्यूटर गेम्स का बढ़ता क्रेज बच्चों और युवाओं के स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल रहा है। दिल्ली से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां 16 वर्षीय एक किशोर लगातार 12 घंटे तक मोबाइल पर गेम खेलने के कारण लकवे (पैरालिसिस) का शिकार हो गया। हालत बिगड़ने पर उसे तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने उसकी स्पाइन की सर्जरी करनी पड़ी।
क्या हुआ था मामला?
जानकारी के अनुसार, यह किशोर गर्मी की छुट्टियों के दौरान घर पर ही था और दिन-रात मोबाइल पर ऑनलाइन गेम खेलता था। एक दिन वह सुबह से लेकर देर रात तक बिना रुके गेम खेलता रहा। कुछ समय बाद उसकी गर्दन और पीठ में तेज दर्द हुआ और धीरे-धीरे उसके हाथ-पैर सुन्न होने लगे। परिवार वाले उसे तुरंत अस्पताल लेकर पहुंचे।
डॉक्टरों ने बताया कारण
डॉक्टरों के मुताबिक, लड़के की रीढ़ की हड्डी (स्पाइन) पर लगातार तनाव पड़ने और गलत मुद्रा में लंबे समय तक बैठे रहने के कारण उसकी नसों पर दबाव पड़ा, जिससे लकवे की स्थिति उत्पन्न हुई। समय रहते इलाज नहीं किया जाता तो हालत और गंभीर हो सकती थी। फिलहाल सर्जरी के बाद लड़का रिकवर कर रहा है लेकिन उसे लम्बा रिहैबिलिटेशन करना होगा।
सावधानी जरूरी
विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि मोबाइल और गेमिंग की लत से बच्चों की मानसिक और शारीरिक सेहत दोनों पर बुरा असर पड़ता है। अभिभावकों को चाहिए कि वे बच्चों की डिजिटल एक्टिविटी पर निगरानी रखें और उन्हें समय-समय पर ब्रेक लेने, एक्सरसाइज करने और आउटडोर गतिविधियों में शामिल होने के लिए प्रेरित करें।
निष्कर्ष
यह घटना एक चेतावनी है कि मनोरंजन के लिए तकनीक का सीमित उपयोग जरूरी है। वरना यह लत बनकर सेहत के लिए जानलेवा साबित हो सकती है।
news credit : Amarujala






