27 मई को हल्द्वानी के बुधपार्क में प्रस्तावित चेतावनी रैली की तैयारियों को लेकर अखिल भारतीय किसान महासभा बागजाला कार्यकारिणी की बैठक गांव में संपन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष आनन्द सिंह नेगी ने की।
बैठक में बागजाला क्षेत्र की उपेक्षा को लेकर सरकार और प्रशासन पर तीखा हमला बोला गया। नेगी ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार लगातार गरीबों को उनकी ज़मीनों से बेदखल करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा, “बागजाला में न सिर्फ ग्राम पंचायत के मताधिकार से लोगों को वंचित किया गया, बल्कि वन विभाग द्वारा नोटिस भेजे गए, निर्माण कार्यों पर रोक लगाई गई, सीसी सड़क तोड़ी गई और पेयजल योजना को भी ठप कर दिया गया। सरकार को इन सवालों का जवाब देना होगा।”
उपाध्यक्ष विमला देवी ने कहा कि बागजाला वासियों को मालिकाना हक, पंचायत चुनाव में भागीदारी और राजस्व ग्राम का दर्जा दिलाने के लिए लगातार संघर्ष किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार और जिला प्रशासन की अनदेखी के चलते ग्रामीणों को चेतावनी रैली की ओर कदम बढ़ाना पड़ा है।
सचिव वेद प्रकाश ने कहा कि बागजाला गांव के लोगों की कोई सुनवाई नहीं हो रही है, इसलिए अब जनता सड़कों पर उतरने को मजबूर है। वहीं प्रचार सचिव पंकज सिंह चौहान ने बताया कि रैली को सफल बनाने के लिए प्रभात फेरी, नुक्कड़ सभाएं, पर्चा वितरण और जनसंपर्क अभियान चलाया जाएगा। रैली में बागजाला से सैकड़ों की संख्या में लोग भाग लेंगे।
ग्रामीणों की प्रमुख मांगे:
- वन विभाग के सभी नोटिस तत्काल वापस लिए जाएं।
- बागजाला वासियों को भूमि का मालिकाना हक़ दिया जाए।
- पेयजल संकट का समाधान कर योजना का काम पुनः शुरू किया जाए।
- विकास व निर्माण कार्यों पर लगी रोक हटाई जाए।
- बागजाला को ग्राम पंचायत चुनाव में पूर्ववत शामिल किया जाए।
- तोड़ी गई सीसी रोड का पुनर्निर्माण कराया जाए।
बैठक में संगठन के कई पदाधिकारी और स्थानीय लोग उपस्थित रहे, जिनमें मीना भट्ट, डॉ. कैलाश पाण्डेय, दौलत सिंह कुंजवाल, हरक सिंह बिष्ट, भगवती भट्ट, चन्दन सिंह मटियाली, हेमा देवी, दीपा देवी, नंदी देवी और दुर्गा देवी प्रमुख थे।






